इंदौर। ऑटोमेशन प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए बीते दिनों बेंगलुरु और मुंबई की कंपनियों के प्रेजेंटेशन के बाद यूनिवर्सिटी ने कवायद तेज कर दी है। परीक्षा और रिजल्ट से जुड़ी सारी गतिविधियों को ऑनलाइन करने को लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं। अब इसके लिए यूनिवर्सिटी के आला अफसरों को अंतिम फैसला लेना है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले तीन महीनों के भीतर टेंडर जारी होगा।
प्रदेशभर की यूनिवर्सिटी को ऑटोमेशन करने के लिए देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के कुलपति को प्रोजेक्ट का चेयरमैन बनाया गया है। यही वजह है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने प्रोजेक्ट पर काम तेज कर दिया है। परीक्षा और रिजल्ट की व्यवस्थाओं का जिम्मा आईटी सेंटर की टीम को दिया है। अपना सॉफ्टवेयर बनाने के लिए यूनिवर्सिटी कंपनी से संपर्क करने में लगी है। इस महीने यूनिवर्सिटी के आला अफसरों के सामने रिपोर्ट देना है। चर्चा के बाद निर्णय लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक परीक्षा और रिजल्ट के लिए अलग-अलग रिपोर्ट तैयार हो रही है। उधर अफसरों का ज्यादा जोर परीक्षा से जुड़ी व्यवस्थाओं को पहले ऑनलाइन करना है।
ये व्यवस्था होगी ऑनलाइन
परीक्षा : चालान, परीक्षा फॉर्म, टाइम-टेबल, रोल नंबर, कॉलेज को प्रश्न पत्र, छात्रों को सेंटर अलॉट करना।
रिजल्ट : कॉपियां स्कैन, ऑनलाइन चेकिंग, मेन रिजल्ट, रिव्यू-रिवेल्यूएशन, मार्कशीट व रिजल्ट संबंधित सभी फॉर्म।
देना होगी कर्मचारियों को ट्रेनिंग
बरसों से चल रही मैन्युअल व्यवस्थाओं को ऑनलाइन करने को लेकर यूनिवर्सिटी के सामने कई अड़चनें हैं। खासकर कर्मचारियों को ऑनलाइन व्यवस्था से रूबरू करना होगा, जो इतने कम समय में संभव नहीं है। बाकायदा इसके लिए कर्मचारियों को ट्रेनिंग देना होगी। फिलहाल यूनिवर्सिटी प्रशासन का इस ओर बिलकुल ध्यान नहीं है।
रिव्यू और चेकिंग के लिए होगी स्कैन
छात्रों को रिव्यू के लिए नई व्यवस्था के बाद मूल्यांकन केंद्र तक कॉपियां देखने नहीं आना होगा। ऑटोमेशन के जरिए कॉपियों को स्कैन कर छात्रों को रिव्यू फॉर्म भरने के बाद ईमेल पर भेजी जाएगी। वहीं जांचने के लिए यूनिवर्सिटी को कॉपियां सेंटर पर भेजने की व्यवस्था नहीं करनी होगी। स्कैन कॉपियों को तुरंत प्रोफेसरों के ईमेल पर भेजा जाएगा। कॉपियां चेक होने के बाद वे मूल्यांकन केंद्र पर आएंगी।
लगेगा थोड़ा वक्त
ऑटोमेशन के लिए यूनिवर्सिटी की तैयारी हो चुकी है। परीक्षा और रिजल्ट को ऑनलाइन करने पर जोर ज्यादा दिया जा रहा है। सिस्टम को समझने के लिए कर्मचारियों को भी ट्रेनिंग दी जाएगी। जल्द से जल्द इसका टेंडर निकाला जाएगा। इसमें थोड़ा समय लगेगा। वैसे यूनिवर्सिटी धीरे-धीरे व्यवस्थाओं को ऑनलाइन करने की योजना बना रही है। डॉ. वृंदा टोकेकर, प्रभारी, आईटी सेंटर, डीएवीवी
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